कभी सुख नहीं वो देखती अपना ,
आंखों में संजोए रखती है, बच्चों के लिए प्यारा सपना।।मारती है ,डाँटती हैं, गुस्सा भी करती है ,
पर बच्चों के सामने अपना सर्वस्व त्याग देती है ।।
भगवान ने शायद इसीलिए माँ को है बनाया,
त्याग ,ममता की मूरत र्मे है सारा ब्रह्मांड समाया।।
मुश्किल कैसी भी हो ढाल बन जाती हैं ,
कोई मुसीबत भी बच्चे को छू नहीं पाती है।।
एक माँ ही है जिसके दिल में कोई खोट नहीं ,
तुझ जैसा इस दुनिया में कोई और नहीं ।।
माँ तेरे चरणों में सारी जन्नत वार दें
तेरे आँचल में रहूँ और सिर पर सदा तेरा हाथ रहे।।
रचना वर्मा
SHIPS
Wonderful 👍
ReplyDelete😊
ReplyDeleteWow rachna mam, this is amazing and a masterpiece! 👌
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