आगे परीक्षा की घड़ी आ रही है,
दिल को मेरे घबरा रही है,
बड़ी ही चिंता सता रही है ,
आगे परीक्षा की घड़ी आ रही है।।
देख कर परीक्षा की तारीखों को मुख से निकला है हाय राम
बस पढ़ने की ही चिंता
मन ही मन सता रही है
ए भाई आगे परीक्षा की घड़ी आ रही है।।
रिश्तेदारों से भी दूरी बना ली, अतिथि देवो भव की गरिमा ही मिटा ली
अंक कम ना हो जाए हमारे बच्चे के
बस यही चिंता सता रही है।।
ए भाई आगे परीक्षा की घड़ी आ रही है।।
Ms. Rachna Verma
SHIPS
Wow grt poetry!
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