Wednesday, September 18, 2024

विदेश जाने की होड़ में

 सपना बन गया हर किसी का 

  विदेशों में जाकर बसने का 

  माता_पिता की सब जमा पूंजियाँ

  सब लगा दी विदेश जाने की खातिर 

  वृद्ध मांँ पिता के अंतिम समय में 

  कौन आएगा फिर उनकी खातिर

  विदेश जाने की होड़ में

  हम भूल रहें हैं अपने रिश्ते खून के।

  हम भूल न जाएंँ उन वीरों को 

 जिन्होंने अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया

 इस देश वतन की खातिर

 मेरी एक गुज़ारिश है सरकार से 

 दे दें इनको रोज़गार इनकी योग्यता के हिसाब से 

ताकि न पड़े यह युवा पीढ़ी विदेश जाने की होड़ में 

 अन्य वतन में जाने की दौड़ में 

 हम भूल रहें हैं अपने रिश्ते खून के।

Ms. Manisha

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