सपना बन गया हर किसी का
विदेशों में जाकर बसने का
माता_पिता की सब जमा पूंजियाँ
सब लगा दी विदेश जाने की खातिर
वृद्ध मांँ पिता के अंतिम समय में
कौन आएगा फिर उनकी खातिर
विदेश जाने की होड़ में
हम भूल रहें हैं अपने रिश्ते खून के।
हम भूल न जाएंँ उन वीरों को
जिन्होंने अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया
इस देश वतन की खातिर
मेरी एक गुज़ारिश है सरकार से
दे दें इनको रोज़गार इनकी योग्यता के हिसाब से
ताकि न पड़े यह युवा पीढ़ी विदेश जाने की होड़ में
अन्य वतन में जाने की दौड़ में
हम भूल रहें हैं अपने रिश्ते खून के।
Ms. Manisha
True
ReplyDeleteWow grt creation!
ReplyDeleteReality of today's youth.👍
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