Thursday, August 10, 2023

नैतिक पतन की राह पर युवा पीढ़ी


एक शिक्षक और एक अभिभावक के रूप में मेरे मन में आज के हालात को देखकर यह प्रश्न बार-बार उठता है कि आज की युवा पीढ़ी को क्या हो गया है? वह किस राह पर जा रही है? नैतिक मूल्यों को भूलकर पाश्चात्य मूल्यों की ओर इतना लगाव क्यों है?  आज की युवा पीढ़ी नैतिक मूल्य और संस्कार को छोड़कर अपना स्वतंत्र जीवन जीना चाहती है। उनकी दृष्टि में नैतिक मूल्य विष की तरह है। उनको सिर्फ़ वर्तमान की  चिंता है। उन्हें भौतिक सुखों की चाहत है कि वह सभी सुविधाएंँ उन्हें मिलती जाएंँ। अपने सभ्यता संस्कृति से दूर जाकर यह युवा पीढ़ी नशे का सेवन, हिंसा, लूटमार, वासना की दलदल में धंसती  जा रही है। यहांँ तक की वासना पूर्ति के लिए 2 साल से लेकर 75 साल की वृद्धा को भी नहीं बख्शा जाता। मांँ-बाप समाज के लोग लाज का कोई ध्यान नहीं है । माता-पिता, भाई-बहन, शिक्षक का मान -सम्मान इनके दिलो-दिमाग में से पूरी तरह नष्ट हो चुका है। प्राचीन काल में शिष्य गुरुकुल में पढ़ते थे। उनके दिलों में गुरु का आदर सत्कार, उनके प्रति श्रद्धा थी, लेकिन आज के युग में बाल काल से लेकर उच्च शिक्षा तक शिक्षा के प्रति उनका नैतिक भाव शून्य के समान है। विद्यालय, विश्वविद्यालय में दंगे फसाद होते हैं। छोटे-बड़े की मान- मर्यादा सब शून्य हो गई है। आज जो हम युवा पीढ़ी का विकराल रूप देख रहे हैं ,वह आने वाले समय में कितना भयंकर होगा यह तो समय ही बताएगा? युवा पीढ़ी के गिरते नैतिक मूल्य ,आचरण और संस्कार के प्रति सभी चिंतित हैं। इन्हें सही राह पर दिखाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए ।वर्तमान समय में मांँ-बाप के पेशेवर होना भी बहुत बड़ा कारण है। पैसा कमाने की लालसा में वह बच्चों को नैतिक मूल्य नहीं दे पाते और उन्हें नौकरों और मोबाइल के हवाले छोड़ दिया जाता है। बच्चा क्या कर रहा है? इसका उन पर कोई असर नहीं है लेकिन इस समय नैतिक मूल्यों को सिखाना अनिवार्य हो गया है। माता-पिता, दादा-दादी का मान- सम्मान करना, समाज में सभ्य हो को जीना सिखाने की जरूरत है। पाश्चात्य संस्कृति के प्रति आकर्षित ना होकर भारतीय संस्कृति को बरकरार रखें और अपने माता -पिता और शिक्षक को मान सम्मान दिया जाए जिनके वह हकदार हैं। नशे प्रति उनका लगाव कम हो, इसलिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए । जागरूकता की कमी को दूर करने के लिए बच्चों को  नैतिक मूल्य सिखाए जाएंँ। उन्हें  अपने जीवन का सही मूल्य बताया जाए , यह तभी संभव हो सकता है। 

धन्यवाद

कवलजीत कौर

टीजीटी-हिंदी


3 comments:

*Social media in child's life*

Social media has become an integral part of children's lives, shaping their social interactions, self-expression, and worldview. On the ...